Humdard Arijit Singh Lyrics
पल दो पल की ही क्यूँ है ज़िंदगी
इस प्यार को हैं सदियाँ काफ़ी नहीं
तो ख़ुदा से माँग लूँ मोहलत मैं एक नई
रहना है बस यहाँ अब दूर तुझ से जाना नहीं
जो तू मेरा हमदर्द है जो तू मेरा हमदर्द है
सुहाना हर दर्द है जो तू मेरा हमदर्द है
तेरी मुस्कुराहटें हैं ताक़त मेरी
मुझ को इन्हीं से उम्मीद मिली
चाहे करे कोई सितम ये जहाँ
इनमें ही है सदा हिफ़ाज़त मेरी
ज़िंदगानी बड़ी ख़ूबसूरत हुई
जन्नत अब और क्या होगी कहीं
जो तू मेरा हमदर्द है जो तू मेरा हमदर्द है
सुहाना हर दर्द है जो तू मेरा हमदर्द है
तेरी धड़कनों से है ज़िंदगी मेरी
ख़्वाहिशें तेरी अब दुआएँ मेरी
कितना अनोखा बंधन है ये
तेरी मेरी जान जो एक हुई
लौटूँगा यहाँ तेरे पास मैं हाँ
वादा है मेरा मर भी जाऊँ कहीं
जो तू मेरा हमदर्द है जो तू मेरा हमदर्द है
सुहाना हर दर्द है जो तू मेरा हमदर्द है